पुंस्तनवृद्धि या गाइनेकोमैस्टिआ (Gynecomastia) पुरुषों के अन्तःस्रावी तन्त्र का एक विकार है जिसमें पुरुष के स्तन का आकार बड़ा हो जाता है। यह कैंसरीय नहीं होता किन्तु इसके कारण व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक कष्ट होता है।

गाइनेकोमैस्टिया से ग्रसित एक पुरुष का वक्ष

मनुष्य में कुल 25गुणसूत्र होते हैं, जिनमें 22 जोड़े पुरूष और स्त्री में एक समान होते है जबकि 23वे जोड़े स्त्री मे एक समान xx और पुरुष में xy होता हैं इन्हे 'लिंग गुणसूत्र' कहते हैं। यदि किसी कारण अधिकता हो जाती हैं तो इसे 'क्लाइनफेल्टर्स संलक्षण' कहते हैं। इनमें गुणसुत्रो की संख्या इस प्रकार रहती हैं-

22 जोड़े औटोसोम + xxy = 47

इस प्रकार के संलक्षण (सिन्ड्रोम) में वृषण तो अल्पविकसित रह जाते हैं जबकि स्त्रियों के समान स्तन विकसित हो जाते हैं। इनके शरीर पर बालो की कमी होती हैं। y गुणसूत्र की उपस्थिति के कारण ये पुरुष होते हैं, किन्तु xx गुणसुत्रो की उपस्थिति इनमे स्त्रियों जैंसे लक्षण भी उत्पन्न कर देती हैं।

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