पुया

प्राचीन मणिपुरी भाषा में लिखी गई सारे पूस्तकें।

पुया ( मेइतेइ  ; ꯄꯨ =पूर्वजों के निर्देश [1] ), सनमाहि धर्म के ग्रन्थ हैं। ये ग्रन्थ मणिपुरी भाषा (मेइतेइ) तथा मेइतेइ मायेक लिपि में हैं। [1]

पुया
वाकोक्लोन पुया
जानकारी
धर्मसनमाहि धर्म
भाषामीतै भाषा

ये ग्रन्थ मेइतेइ साहित्य के प्रमुख अंग हैं। इन ग्रन्थों में वंश-वृतान्त, सृष्टि और ब्रह्माण्ड, कर्मकाण्ड, और मेइतेइ लोगों के देवताओं के बारे में वर्णन है।

अन्तर्वस्तु संपादित करें

दर्शन संपादित करें

जीवन की उत्पत्ति और इसका प्रसार पुण्य के अनुसार हुआ संपादित करें

  • अवांग कोपलु असूपा
  • लीमा-लई खुंडा अहनबा
  • नोंगथक-लेइ मऊ लिंगलिबा
  • एलीक मापान थरिबा
  • ओ लेनिंगथौ

पुए की सूची संपादित करें

  • वात्चेतन पठुप
  • वेकोलोन हीलेल थिलन सलाई अमाइलोन पुकोक पुइया [2]
  • Ponpilang
  • थिरिन लेट
  • नमित कप्पा
  • Sakoklon
  • सकोक्लोन थिलल

यह सभी देखें संपादित करें

  • सनमाहि धर्म
  • Laiharaoba
  • माइटी लोकगीतों में जीवों की सूची
  • सनमाहिस्म में देवताओं की सूची
  • मीती साहित्य
  • सनमाही सृजन मिथक
  • Sanamahism
  • वाकोलोन हीलेल थिलल सलाई अमाइलोन पुकोक पुए

संदर्भ संपादित करें

  1. "The Effects of Burning of Meitei Puyas By Madhu Chandra". E-pao.net. मूल से 9 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि December 15, 2018. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "e-pao.net" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  2. N. M. Meetei in: Arambam Noni, Kangujam Sanatomba (eds.), Colonialism and Resistance: Society and State in Manipur, Routledge, 2015, p. 223.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें