पराचुम्बकत्व (पैरामैग्नेटिज्म) से भ्रमित न हों।


समुद्री भूपर्पटी की आयु; सबसे नयी लाल रंग में समुद्री कटकों से सहारे जहाँ सागर नितल प्रसरण हो रहा है और जो अपसारी प्लेट सीमायें हैं

पुराचुम्बकत्व अध्ययन की वह शाखा है जो चट्टानों, अवसादों या अन्य ऐसी चीजों में उनके निर्माण के समय संरक्षित चुम्बकीय गुणों का अध्ययन करती है। इस प्रकार विज्ञान की यह शाखा प्राचीन भूवैज्ञानिक घटनाओं के अध्ययन में सहायक होती है।[1]समुद्री क्रस्ट की चट्टानों के पुराचुम्बकत्व के अध्ययन से इनके निर्माण के समय का पता चलता है और सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई थी तथा प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धान्त मजबूती से स्थापित हुआ (चित्र देखें)।

सन्दर्भसंपादित करें

  1. L.W. Morley and A. Arochelle, Palaeomagnetism as a Means of Dating Geologic Events Archived 2015-07-14 at the Wayback Machine