पुरुगुप्त (शसन: ४६७-४७३ ई) गुप्त वंश का एक सम्राट था जो उत्तर भारत में शासन करता था। ये गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम का अपनी सम्राज्ञी अनन्तदेवी से उत्पन्न पुत्र था। यह अपने सौतेले भ्राता स्कन्दगुप्त का उत्तराधिकारी बना।[1] पुरुगुप्त के अभी तक कोई शिलालेख, प्रशस्तियाम प्राप्त नहीं हुई हैं। इनको इनके पौत्र कुमारगुप्त तृतीय की रजत-कांस्य मुहर एवं इनके पुत्रों नरसिंहगुप्त एवं बुद्धगुप्त द्वारा बनवाए गए नालंदा की मृत्तिका पट्टिकाओं के द्वारा जाना जाता है। सारनाथ के बुद्ध की छवि के शिलालेख के अनुसार ये माना जाता है कि पुरुगुप्त से कुमारगुप्त तृतीय उत्तराधिकारी बना।[2]

पुरुगुप्त
९वाँ गुप्त सम्राट
शासनावधि४६७-४७३ ई.
पूर्ववर्तीस्कंदगुप्त
उत्तरवर्तीकुमारगुप्त द्वितीय
जीवनसंगीपद्मावतीगुप्त और चंद्रादेवी
राजवंशगुप्त
पिताकुमारगुप्त प्रथम
माताअनन्तदेवी
धर्महिन्दू


राजसी उपाधियाँ
पूर्वाधिकारी
स्कन्दगुप्त
गुप्त सम्राट
४६७-४७३ ई.
उत्तराधिकारी
कुमारगुप्त द्वितीय


सन्दर्भ ग्रन्थ संपादित करें

  • फ्लीट : 'इस्क्रिप्शन्स, इंडिकेरस, खंड ३;
  • राखालदास बनर्जी : दि एज ऑव दि 'इंपीरियल गुप्ताज़';
  • अल्तेकर और मजूमदार : दि गुप्त वाकाटक एज;
  • बो. सालातुर : 'लाइफ इन दि गुप्त एज;
  • घोष : भारत का प्राचीन इतिहास' (इंडियन प्रेस लि., प्रयाग; हिंदी संस्करण)।


सन्दर्भ संपादित करें

  1. महाजन, वी डी. (२००७) [१९६०]. Ancient India. नयी दिल्ली: एस चांद. पृ॰ ५१२. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-219-0887-6.
  2. अग्रवाल, अश्विनी (१९८९). Rise and Fall of the Imperial Guptas. दिल्ली: मोतीलाल बनारसी दास. पपृ॰ २२०, २२३-५. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-208-0592-5.