पुलका: एक पारंपरिक भारतीय रोटी

पुलका भारतीय भोजन में एक सरल और स्वादिष्ट रोटी है, जो खासतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय है। यह रोटी अपनी विशेषता के लिए जानी जाती है, जो उसे सामान्य रोटी से अलग बनाती है। पुलका को उसकी हल्की, मुलायम और फूली हुई बनावट के लिए पहचाना जाता है। इसे पूरी तरह से तवा या तंदूर में पकाया जाता है और यह बहुत जल्दी तैयार हो जाती है।

पुलका बनाने की विधि पुलका बनाने की प्रक्रिया बहुत सरल होती है। सबसे पहले, गेहूं के आटे में पानी और नमक मिलाकर नरम आटा गूंथा जाता है। इसके बाद आटे को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर उसे गोल आकार में बेल लिया जाता है। बेलने के बाद, इसे गर्म तवे पर डाला जाता है और कुछ सेकंड में हल्का भूरा होने तक पकाया जाता है। इसके बाद, पुलका को पलटकर उसे आग के ऊपर रख दिया जाता है, जिससे वह अपनी खास फूली हुई बनावट प्राप्त करती है। पुलका को तवा या सीधे आग पर पकाने से यह अपने अंदर हल्का सा कुरकुरा और बाहर से नरम बन जाती है।

पुलका के प्रकार और उपयोग पुलका को आमतौर पर दाल, सब्जी, या करी के साथ खाया जाता है। इसका हल्का और मुलायम बनावट उसे एक आदर्श सह भोजन बनाता है। यह खासतौर पर उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जो हल्का और सुपाच्य भोजन पसंद करते हैं। कुछ जगहों पर इसे गीले हाथों से थोड़ा दबाकर भी खाया जाता है, जिससे यह और भी नरम हो जाती है। इसके अलावा, पुलका को दही, अचार या सूप के साथ भी परोसा जाता है।

पुलका और अन्य रोटियों में अंतर पुलका और सामान्य रोटी में एक महत्वपूर्ण अंतर होता है। जहां सामान्य रोटी तवे पर पूरी तरह से पकाई जाती है, पुलका को पहले तवे पर पकाया जाता है और फिर उसे आग पर रखकर फुलाया जाता है। यह प्रक्रिया पुलका को उसके नरम, फूले हुए और हल्के गुण प्रदान करती है, जो इसे खास बनाती है।

निष्कर्ष पुलका भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक हिस्सा है, जो अपनी सादगी और स्वाद के लिए पहचाना जाता है। इसका हल्का स्वाद और मुलायम बनावट उसे एक आदर्श रोटी बनाती है, जिसे दाल, सब्जी, या किसी अन्य करी के साथ खाया जा सकता है। यह सरलता से पकने वाली रोटी हर भोजन प्रेमी के दिल में अपनी जगह बनाती है।




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