पूर्वी सिक्किम राज्य का सबसे आकर्षक क्षेत्र है। राज्य की राजधानी गंगटोक भी इसी के अन्तर्गत आती है। यहां स्थित अनेक मठ, व्यू प्वाइंट्स, गार्डन, चिड़ियाघर और सरकारी इमारतें इस स्थान की रमणीयता में और वृद्धि कर देती हैं। आधुनिक सुविधाओं से संपन्न इस क्षेत्र में सिक्किम राज्य का पॉवर हाउस भी स्थित है। यहां का एंचे मठ निंगमा सप्रदाय का प्रमुख गढ़ था जिसे लगभग 200 साल पहले बनवाया गया था। पूर्वी सिक्किम में नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी भी देखी जा सकती है, जहां अनेक दुर्लभ मूर्तियां, हस्तलिपियां, थांका चित्रकारियों, दू द्रुल चोरटन और एक आकर्षक स्तूप देखा जा सकता है।

त्सोंगमो झील

प्रमुख आकर्षण

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एंचे मठ

एंचे मठ अर्थात् एकल मंदिर निंगमा सम्प्रदाय की प्रमुख सीट थी। यह 200 साल पुराना मठ इस उद्देश्य से बनवाया गया था कि इसके आसपास किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा। यह स्थान तांत्रिक गुरु लामा द्रुपतोब कारबो से संबंधित है। इस मठ के परिसर में देवी-देवताओं और अन्य धर्मों से जुड़ी धार्मिक वस्तुओं को देखा जा सकता है। हर साल जनवरी के आसपास छाम के अवसर पर यहां मुखौटा नृत्य बड़ी धूमधाम से आयोजित होता है।

लिंगदम मठ

रूमटेक-रांका-गंगटोक रोड पर स्थित यह मठ पाल जुरमांग कगयुड मठ के नाम से भी जाना जाता है। तिब्बती वास्तुशिल्प के प्रतीक इस मठ को 1998 में जुरमांग घरवांग रिमपोचे ने बनवाया था। शक्यमुनी बुद्ध की 15 मीटर ऊंची तांबे की प्रतिमा, 10 मीटर ऊंची गुरु रिमपोचे की प्रतिमा और 16वें करमापा की प्रतिमा मठ में स्थापित है।

फुरबा चोरटन

सिक्किम ताशी नामग्याल के स्व. चोगवल द्वारा बनवाया गया फुरबा चोरटन तिब्बतोलॉजी रिसर्च संस्थान के निकट स्थित है। यह विशाल और ऊंचा स्मारक एक स्तूप के रूप में है। स्तूप के चारों तरफ 113 प्रार्थना चक्र हैं जिनमें तिब्बती भाषा में अदभुत मंत्र लिखे हुए हैं। त्रुल शिक रिमपोछे की याद में बनवाया गया। चुब चोरटन भी इसके निकट देखा जा सकता है।

अरितार झील
 
अरितार झील

अरितार स्थित यह झील गंगटोक से 55 किलोमीटर की दूरी पर है। इसे घाटी सो के नाम से भी जाना जाता है। यहां से आसपास के अनुपम नजारों को देखा जा सकता है। 1895 में बनवाया गया एक प्राचीन ब्रिटिश बंगला भी यहां बना हुआ है। इस बंगले में यहां आने वाले पर्यटन रात में ठहर सकते हैं।

सेतन ताशी गुफा

यह गुफा योंगनोसाला अल्पाइन अभयारण्य से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तीन खंड की यह प्राकृतिक गुफा लगभग 20 मीटर ऊंची है। निचली मंजिल से ऊपर की मंजिल में जाने के लिए मार्ग है। सिक्किम के एक पर्यावरणविद के नाम पर इसका नाम पड़ा है। वे राजा चोगयाल के निजी सचिव भी थे। सोमगो झील, आईरिस प्वाइंट और नाथुला पास भी इसके करीबी और आकर्षक दर्शनीय स्थल हैं।

बाबा हरभजन सिंह मंदिर

नाथुला और जेलेप ला पास रोड के मध्य स्थित यह मंदिर समुद्र तल से 4420 मीटर की ऊँचाई पर है। यह मंदिर 23 पंजाब रेजीमेंट के सैनिक हरभजन सिंह को समर्पित है। वे 1968 में एक नदी पार करने के दौरान डूब गए थे। यहां के स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मंदिर में हरभजन सिंह का आत्मा आज भी विद्यमान है।

ताशी व्यू प्वाइंट

यह व्यू प्वाइंट गंगटोक नगर से 4 किलोमीटर की दूरी पर है और इसे सिक्किम के स्वर्गीय राजा ताशी नामग्याल ने बनवाया था। कंजनजंगा और हिमालय के अन्य पर्वतों के मनोहारी दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं। पर्यटक यहां से पहाड़ों पर जमी बर्फ को रंग बदलते देख सकते हैं। यहां से फोदांग और लबरांग मठ को पहाड़ी की विपरीत दिशा में देखा जा सकता है। इस प्वाइंट के निकट ही एक पार्क है जहां पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है।

हिमालय जूलॉजिकल पार्क

यह पार्क गंगटोक से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 205 हेक्टेयर में फैला यह पार्क साईबेरियन टाईगर, हिमालयन ब्लैक बीयर और बार्किग डीयर का घर माना जाता है। इसके अलावा बर्फीला तेंदुआ, लाल पांडा, तिब्बती भेड़िया आदि पशुओं को भी यहां देखा जा सकता है।

वायु मार्ग

पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में यहां का करीबी एयरपोर्ट है जो देश के अनेक शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

न्यू जलपाईगुड़ी में यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो इसे देश के अन्य हिस्सों से रेलमार्ग से जोड़ता है।

सड़क मार्ग

सड़क मार्ग द्वारा पूर्वी सिक्किम राज्य और अन्य पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से जुड़ा हुआ है।