पृथक निर्वाचिका का मतलब है,कि शोशितो व वंचितो और दलितो के लिए अपने प्रतिनिधि को अपने क्षेत्र में वोट देने का अधिकार पृथक निर्वाचिका कहलाता है।

[ उदाहरण : 1930 में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने " दमित वर्ग एसोसिएशन " की स्थापना करते हुए दलितों हेतु पृथक निर्वाचिका की मांग की थी। परंतु गांधीजी ने उन्हें आमरण अनशन पर बैठ कर मना लिया क्योंकि अलग निर्वाचन क्षेत्र होने पर एकता के मार्ग में बाधा आ सकती थी।