पृथिका यशिनी
पृथिका यशिनी भारत की पहली विपरीतलिंगी (ट्रांसजेंडर) पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने वाली हैं।[1]
पृथिका यशिनी | |
---|---|
जन्म |
प्रदीप कुमार |
आवास | चेन्नई ,तमिलनाडु ,भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | पुलिस अधिकारी |
प्रसिद्धि का कारण | पहली विपरीत लिंगी पुलिस अधिकारी (भारत) |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंयशिनी का जन्म एक लड़के के रूप में हुआ। माता-पिता ने इनका नाम प्रदीप कुमार रखा।[2] लिंग परिवर्तन की सर्जरी के बाद प्रदीप कुमार के स्थान पर पृथिका यशिनी का नाम रखा और इसी नाम से आगे के जीवन की गतिविधियाँ प्रारम्भ हुईं। माता -पिता की समाज में बदनामी न हो इस कारण से घर त्याग दिया।[1]
शिक्षा
संपादित करेंयशिनी ने प्रदीप कुमार नाम से ही कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।[1]
संघर्ष
संपादित करेंइनका सपना पुलिस अफसर बनने का था। आवेदन पत्र में लिंग के कॉलम में केवल दो ही विकल्प थे पुरुष और महिला। इन्होने दूसरे कॉलम को चुना इस पर आवेदन निरस्त हो गया। इसके लिए इन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस प्रकार इन्हें नाम परिवर्तन की स्वीकृति और आवेदन पत्र में तीसरे लिंग ट्रांसजेंडर के कॉलम की व्यवस्था की गयी। इस प्रकार यशिनी ने सभी कानूनी बाधाएं पार करते हुए भारत की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब इंस्पेक्टर बनने वाली हैं। [1][2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ ई इमरान क़ुरैशी (०९-११-२०१५). "'माँ-बाप शर्मिंदा न हों, इसलिए घर छोड़ दिया'". मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ०९-१२-२०१५. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (|publisher=
सुझावित है) (मदद);|accessdate=, |date=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ अ आ "देश की पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर बनेंगी पृथिका, कोर्ट ने बताया एकदम फिट". वन इंडिया. ०६-११-२०१५. मूल से 10 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ०९-१२-२०१५.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)