पृथ्वी के वायुमंडल और इसकी परत पर अधिकांश पानी खारे समुद्री जल से आता है, जबकि ताज़ा पानी कुल पानी का लगभग 1% है। पृथ्वी पर पानी का बड़ा हिस्सा खारे पानी का है जिसकी औसत लवणता 35‰ (या 3.5%, लगभग 1 किलो समुद्री जल में 34 ग्राम नमक के बराबर) है। हालांकि यह अपवाह की मात्रा के अनुसार थोड़ा भिन्न होता है। कुल मिलाकर महासागरों और सीमांत समुद्रों का पानी,खारा भूजल और खारे बंद झीलों का पानी पृथ्वी पर मौजूद पानी का 97% से अधिक है। हालांकि कोई भी बंद झील विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण मात्रा में पानी संग्रहीत नहीं करती है। शुष्क क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के अलावा खारे भूजल पर शायद ही कभी विचार किया जाता है।

पृथ्वी पर जल के स्थान का चित्रमय वितरण

पृथ्वी का शेष जल, ग्रह का ताजा जल संसाधन बनाता है। आमतौर पर ताजे पानी को ऐसे पानी के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसकी लवणता महासागरों की तुलना में 1 प्रतिशत से भी कम है - यानी लगभग 0.35‰ से कम। इस स्तर और 1‰ के बीच की लवणता वाले पानी को आमतौर पर सीमांत जल कहा जाता है क्योंकि यह मनुष्यों और जानवरों द्वारा कई उपयोगों के लिए सीमांत है।

खारे एवं ताजे पानी का वितरण

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पृथ्वी पर पानी की कुल मात्रा 1.386 अरब किमी³ (333 मिलियन घन मील) अनुमानित है, जिसमें 97.5% खारा पानी और 2.5% ताज़ा पानी है। [2][3][4]

  1. USGS - Earth's water distribution
  2. Where is Earth's water?, संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण.
  3. एकिंस, बी.डब्ल्यू. और जी.एफ. शर्मन, Volumes of the World's Oceans from ETOPO1, NOAA National Geophysical Data Center, Boulder, CO, 2010.
  4. Water in Crisis: Chapter 2, पीटर एच. ग्लीक, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1993