पेंशन

सेवानिवृत्ति कोष

पेंशन (अंग्रेजी: Pension) एक निधि या कोष है जिसमें किसी कर्मचारी के रोजगार के वर्षों के दौरान पैसा जोड़ा जाता है और जिससे, कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के पश्चात, पैसा आहरित (निकाल) कर कर्मचारी को आवधिक भुगतान किया जाता है। पेंशन एक "निर्धारित लाभ योजना" हो सकती है, जहां एक व्यक्ति को नियमित रूप से एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है, या एक "निर्धारित योगदान योजना", जिसके तहत एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है जो सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे उपलब्ध हो जाता है।

दिसंबर 2018 में भारतीय कैबिनेट ने नेशनल पेंशन स्कीम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं ताकि नेशनल पेंशन स्कीम को निवेशकों के लिए ओर ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। वर्ष 2004 में जब NPS को शुरू किया गया था उस समय कर्मचारी को अपने मूल वेतन (बेसिक सैलरी) तथा महंगाई भत्ते का 10% का योगदान नेशनल पेंशन स्कीम में करना होता था। दिसंबर 2018 मे केंद्र सरकार ने इस योगदान को बढ़ाकर 14% कर दिया तथा कर्मचारी का योगदान 10% है। इस अद्यतन के पश्चात केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन में काफी इजाफा होगा।

दिसंबर 2018 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किये गए अद्यतन में दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय कर (टैक्स) से संबंधित है। इस से पहले, NPS की परिपक्वता (मैच्यूरिटी) पर केंद्रीय कर्मचारी पेंशन फण्ड में जमा राशि का 60% निकाल सकते थे जिसमें 40% राशि करमुक्त (टैक्स फ्री) होती थी और 20% पर कर (टैक्स) लगता था। नए अद्यतन के अनुसार 60% राशि को करमुक्त (टैक्स फ्री) कर दिया गया है।

तीसरा महत्वपूर्ण बदलाव निवेश (इन्वेस्टमेंट) को लेकर हुआ। अब कर्मचारियों को यह पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि उनके द्वारा पेंशन में योगदान किया गया पैसा किस फण्ड में निवेशित हो। केंद्रीय कर्मचारी वर्ष में एक बार पेंशन फण्ड या इक्विटी को अपनी मर्जी के अनुसार बदल सकेंगे।

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