पैर की दाद ('ringworm of the foot' या 'tinea pedis') कवक द्वारा लगने वाला रोग है जिसमें पाँव की त्वचा शल्की (scaling) होकर छूटती है। इसमें खुजली भी होती है। इसे 'एथलीट्स फुट' (athlete's foot) भी कहते हैं। यह 'ट्राइकोफाइटॉन' (Trichophyton) वंश के कवक के कारण होती है तथा प्रायः नम क्षेत्रों (स्थानघर आद) में नंगे पाँव चलने के कारण एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है। यद्यपि यह मुख्यतः पाँव की त्वचा को प्रभावित करती है किन्तु शरीर के दूसरे भागों (जैसे चांपातर (groin)) में भी लग सकती है।

पैर का दाद
एथलीट्स फ़ुट

वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
'खिलाड़ी पैर' रोग की तीव्र स्थिति
आईसीडी-१० B35.3
आईसीडी- 110.4
डिज़ीज़-डीबी 13122
मेडलाइन प्लस 000875
ईमेडिसिन derm/470 
एम.ईएसएच D014008
'पैर की दाद' रोग से प्रभावित पैर की त्वचा
पैर की दाद से ग्रसित रोगी के पैर की अंगुली : सफेदी लिये हुए, शल्कमय, कटी त्वचा

इस रोग को ठीक करने के लिये बहुत सी दवाइयाँ और मरहम उपलब्ध हैं।

एथलीट्स फुट संक्रामक (फैलने वाला) रोग है। इस रोग के अन्दर अंगूठे और उंगलियों के बीच की त्वचा मुलायम हो जाती है और खाल छिलके की तरह उतरने लगती है। पैरों में फफून्दी सी छा जाती है और बदबू भी आने लगती है। ये रोग ज्यादातर गर्मी के मौसम मे होता है।

चिकित्सा

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एथलीट्स फुट का रोग ठीक करने के लिये पैरों को हमेशा साफ और बिल्कुल सूखा रखना चाहिए तथा उंगलियों के बीच में फुट पाउडर लगाना चाहिए।

बाहरी कड़ियाँ

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