प्यारीचाँद मित्र
बंगाली लेखक
प्यारीचाँद मित्र (24 जुलाई 1814 – 23 नवम्बर 1883) लेखक, पत्रकार, सांस्कृतिक कार्यकर्ता तथा उद्यमी थे। वे बांग्ला साहित्य के प्रथम उपन्यासकार थे। उनका छद्मनाम 'टेकचाँद ठाकुर' था। वे 'युवा बंगाल समूह' के एक सदस्य थे जिसने सरल बांगला गद्य में लिखकर बंगाल के पुनर्जागरण में अग्रगण्य भूमिका निभायी।
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/d5/Peary_Chand_Mitra_%281814-1883%29.jpg/220px-Peary_Chand_Mitra_%281814-1883%29.jpg)
उनका 'आलालेर घरे दुलाल' (१८५८) बहुत प्रसिद्ध हुआ। इसी परम्परा का निर्वहन बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय एवं अन्य लेखकों ने किया।
![]() | यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |