प्रक्रम अभियान्त्रिकी
प्रक्रम अभियान्त्रिकी (Process engineering) अभियान्त्रिकी की वह शाखा है जिसमें किसी लाभदायक जीववैज्ञानिक, रासायनिक या भौतिक प्रक्रिया की रूपरेखा निर्धारित, उसकी गति व उत्पादन पर नियंत्रण और उसके चालन में सबसे अधिक दक्षता (एफ़िशियेन्सी) प्राप्त की जाती है।[1]
उदाहरण
संपादित करेंकिसी भी ज़रूरी औद्योगिक कार्य में प्रक्रम अभियान्त्रिकी लाने से आर्थिक और अन्य प्रकार का फ़ायदा हो सकता है, मसलन जापानी वाहन कम्पनी टोयोटा ने जब प्रक्रम अभियान्त्रिकी के प्रयोग से अपने कारख़ानों में पुर्ज़ों के बहाव की विधि बदल दी तो उनकी गाड़ियों में आरम्भिक ख़राबी का दर घटकर लगभग शून्य हो गया। इस से बाज़ार में उन्हें धीरे-धीरे सबसे विश्वसनीय वाहननिर्माता होने की प्रतिष्ठा मिली और सन् २०१२ में वह दुनिया की सबसे बड़ी वाहन-कम्पनी थी। ध्यान दें कि १९७० के दशक तक जापानी गाड़ियों को अमेरिकी गाड़ियों की तुलना में घटिया माना जाता था।[2][3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Research Challenges in Process Systems Engineering Archived 2018-12-22 at the वेबैक मशीन by Ignacio E. Grossmann and Arthur W. Westerberg, Department of Chemical Engineering at Carnegie Mellon University in Pittsburgh, PA
- ↑ "World motor vehicle production OICA correspondents survey without double counts world ranking of manufacturers year 2012 Archived 2015-09-24 at the वेबैक मशीन" (PDF). OICA. March 2013. Retrieved 2014-07-20.
- ↑ Ohno, Taiichi (June 1988). Toyota Production System - beyond large-scale production. Productivity Press. p. 29. ISBN 0-915299-14-3.