प्रक्षेप धारामापी
प्रक्षेप धारामापी (Ballistic galvanometer) एक प्रकार का दर्पण धारामापी है जो धारा के मापन के लिये उपयोग नहीं किया जाता बल्कि इससे होकर प्रवाहित आवेश की मात्रा मापने के काम आता है। वस्तुतः यह चल कुण्डली धारामापी या चल लौह धारामापी ही होता है किन्तु इसका जड़त्वाघूर्ण बहुत अधिक होता है (जबकि सामान्य धारामापी का जड़त्वाघूर्ण कम से कम रखने की कोशिश की जाती है।)
प्रक्षेप धारामापी का पहली बार उपयोग करने के पहले उसका प्रक्षेप नियतांक मापना आवश्यक है। इसके लिए एक ज्ञात धारिता वाले संधारित को ज्ञात वोल्टता तक आवेशित किया जाता है। अर्थात इस पर कितना आवेश है, यह ज्ञात है। अब इस संधारित्र को प्रक्षेप धारामापी से जोड़ दिया जाता है और इसके कारण उसमें उत्पन्न अधिकतम विक्षेप पढ़ लिया जाता है। इसका प्रक्षेप नियतांक K निम्नलिखित होगा-
यदि प्रक्षेप d का मान मिमी में पढ़ा जाय तो K की इकाई 'कूलॉम्ब प्रति मिलीमीटर' होगा।
अब यदि किसी मापन में हमे प्रक्षेपमापी का विस्थापन d मिमी मिलता है तो प्रक्षेपामापी की कुण्डली में प्रवाहित कुल आवेश की मात्रा,
उपयोग
संपादित करें- आवेश की मात्रा मापने के लिए,
- किसी कुण्डली में प्रवाहित चुम्बकीय फ्लक्स की मात्रा मापने के लिए,
- चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र (अर्थात चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व B) को मापने के लिए,
- किसी पदार्थ की पारगम्यता मापने के लिए, (उस पदार्थ का एक टोर्वायडल कोर बनाकर उसमें n फेरे लपेटते हैं । फिर उसमें कुछ ज्ञात धारा प्रवाहित करते हैं। इससे उस कोर में फ्लक्स उतपन्न होता है जिसे प्रक्षेप धारामापी की सहायता से माप लिया जाता है और उससे फ्लक्स घनत्व B निकाला जा सकता है। इस पदार्थ की पारगम्यता = B/B0 जहाँ B0 n फेरों वाली उसी आकार-प्रकार की वायु-क्रोड वाली टोर्वाइयडल कुण्डली में उसी धारा के द्वारा उत्पन्न फलक्स घनत्व है।)
सन्दर्भ
संपादित करें- Earle Terry, Advanced Laboratory Practice in Electricity and Magnetism. McGraw-Hill, New York 1929 Page 24-34
- Electrical Instruments, "Tylor-Cambridge", Cambridge Scientific Instrument Company, Trade catalog, 1908 Page 34
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |