प्रतिकार (फ़िल्म)
प्रतिकार 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर है। यह फिल्म एक तेलूगू फिल्म की रीमेक है।
प्रतिकार | |
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प्रतिकार का पोस्टर | |
निर्देशक | ततिनेनी रामा राव |
निर्माता | फिरोज नाडियाडवाला |
अभिनेता |
अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित |
संगीतकार | बप्पी लहरी |
प्रदर्शन तिथियाँ |
16 अगस्त, 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंअदालत के फैसले के बाद, नारायण श्रीवास्तव बहुत खुश थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका भाई सज्जन, पैसे के लिए भूखा है और उन्हें मारना चाहता है। जब वे अपने घर वापस यात्रा कर रहे थे, तब सज्जन नारायण को मार देता है। घर लौटने के बाद, वह मगरमच्छ आँसू बहाता है, लेकिन कृष्णा, यह जानकर कि उसका चाचा सज्जन एक अच्छा इंसान नहीं है, वह उसके साथ नहीं रहना चाहता और कहता है कि वह अपनी मृत माँ की दोस्त और अपने स्कूल शिक्षक सरस्वती देवी के साथ रहना चाहता है। मध्यरात्रि में, सज्जन कृष्णा को मारने के लिए कुछ गुंडे भेजता है, लेकिन गलती से गुंडे सरस्वती देवी के बच्चे को ले जाता है और उसे नदी में फेंकता है। लेकिन सौभाग्य से एक इंस्पेक्टर वहां कुछ नशीली दवाओं के डीलरों की तलाश में आता है और नदी में कुछ फेंकने हुए एक गुंडे को देखता है। जब वह जाँचने के लिये जाता है, तो उसे एक बेहोश बच्चा मिलता है, इसलिए वह उसे अस्पताल ले जाता है। इस बीच, सरस्वती देवी सोचती है कि उनका बेटा सूरज मर चुका है और वो अपनी बेटी ज्योति और कृष्णा के साथ दूसरे शहर चली जाती हैं। अब सरस्वती कृष्णा और ज्योति की देखभाल करती हैं। समय गुजरता है और कृष्णा (अनिल कपूर) अपने कॉलेज की दोस्त मधु (माधुरी दीक्षित) से प्यार करता है। सज्जन का बेटा रघु (तेज सप्रू) स्थानीय पुलिस को रिश्वत देकर अपने पिता द्वारा संरक्षित स्थानीय गुंडा बन गया। ज्योति के साथ रघु और उसके दोस्तों ने बलात्कार किया और हत्या कर दी और वे सरस्वती पर भी गाड़ी दौड़ा देते हैं जिससे वो अपंग हो जाती है। कृष्णा और सरस्वती दोनों ज्योति की मौत का बदला लेने की कसम खाते हैं। तब सूरज (मोहसिन ख़ान) एक पुलिस इंस्पेक्टर के रूप में उनके जीवन में प्रवेश करता है, और कृष्णा को कैसे भी गिरफ्तार करने पर उतारू है। इससे संदेह होता है कि वह सज्जन के साथ है या नहीं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अनिल कपूर, कृष्णा श्रीवास्तव
- माधुरी दीक्षित, मधू
- राखी गुलज़ार, सरस्वती देवी
- ओम प्रकाश, शंकर प्रसाद
- निरूपा रॉय, पार्वती प्रसाद
- सतीश शाह, इंस्पेक्टर
- सोनू वालिया, उमा सिंह
- अरुणा ईरानी, श्रीमती दीवानी
- परेश रावल, सज्जन श्रीवास्तव
- सत्येन कप्पू, नारायण श्रीवास्तव
- तेज सप्रू, रघु
- असरानी, श्री दीवानी
- लक्ष्मीकांत बेर्डे,
संगीत
संपादित करेंबप्पी लाहिड़ी का संगीत है और बोल आनंद बख्शी के हैं।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हंगामा हो जाए" | बप्पी लाहिडी, अलका याज्ञनिक | 8:12 |
2. | "लोग मुझे कहते है" | पार्वती खान | 4:54 |
3. | "काली जुल्फे गोरे गाल" | आशा भोंसले, मोहम्मद अज़ीज़ | 5:49 |
4. | "चिट्ठी मुझे लिखना" | अमित कुमार, आशा भोंसले | 6:37 |
5. | "बाहर सारे मेले" | सुदेश भोंसले, अनुराधा पौडवाल | 5:54 |