प्रतिबल-विकृति वक्र
किसी पदार्थ में उत्पन्न प्रतिबल तथा विकृति के बीच सम्बन्ध उस पदार्थ का प्रतिबल-विकृति वक्र (stress–strain curve) कहलाता है। यह वक्र, प्रत्येक पदार्थ के लिए अद्वितीय होता है। इस ग्राफ को बनाने के लिए उस पदार्थ के एक नमूने पर अलग-अलग प्रतिबल (तनन प्रतिबल या सम्पीडक प्रतिबल) लगाया जाता है और उसके संगत विकृति को लिख लिया जाता है। इस वक्र की सहायता से उस पदार्थ के कई गुणधर्म प्राप्त हो जाते हैं, जैसे यंग मापांक (Modulus of Elasticity, E) ।
अधातुओं के प्रतिबल-विकृति वक्र
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