प्रद्युम्न श्री कृष्ण के पुत्र थे। वे पूर्व जन्म में ये काम देव थे, जो भगवान शंकर की तपस्या में विघ्न डालने के कारण उनके द्वारा भश्म कर दिये गये थे। तब काम देव की पत्नी के प्रार्थना करने पर भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर कामदेव को जीवित तो कर दिया मगर शरीर नहीं दिया। इस अवस्था को काम देव ने कृष्ण जी का पुत्र बनकर समाप्त किया।।

नारद, कृष्ण प्रद्युम्न का स्वागत करते हुए