प्रधानमंत्री जन-औषधि योजना

‪प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री द्वारा ‬23-04-2018 को घोषित एक योजना है। 2014-15 में जनऔषधि योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना कर दिया गया। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक (Generic) दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए जा रहें है। सरकार द्वारा 'जन औषधि स्टोर' बनाए गए हैं, जहां जेनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है।

जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती है, जबकि प्रभावशाली उनके बराबर ही होती है। प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया हैं ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं। साथ ही यह जेनेरिक दवायें मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं। इस योजना में आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में 1000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोलेगी।

जन औषधि केंद्र शुरू करने के लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है लेकिन निचे दर्शाई गई शरत पूरी होनी चाहिए। आप भारत देश के नागरिक होने चाहिए। हॉस्पिटल , NGO ट्रस्ट , फार्मासिस्ट , डॉक्टर वो सभी जन औषधि केंद्र खोल सकते है। अगर आप SC (seduale Cast) या ST(Scheduled Tribes) हो और दिव्यांग हो तो भारत सरकार आपको ५०००० रुँपिये की वितीय सहाय भी प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र शुरू करने में मदद करेंगी। अगर आप जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन करना चाहते हो तो पेन कार्ड होना आवश्यक है। अगर आप किसी हॉस्पिटल एवं NGO के लिए आवेदन करना चाहते हो तो आपको संस्था का रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र और पान कार्ड की आवस्यकता होंगी। और ख़ास बात आप के पास १० स्क्वायर फिट की जगह होनी चाहिए चाहे वो आप की खुद की हो या रेंट पे हो।

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