प्रफुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश
न्यायमूर्ति प्रफुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती, संक्षिप्त में पी. एन. भगवती भारत के 17 वें मुख्य न्यायाधीश थे। वे 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश रहे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी थी, और जुलाई 1973 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किया गया।
जनहित याचिका के पुरजोर समर्थक न्यायमूर्ति भगवती ने कहा था कि मूलभूत अधिकारों के मुद्दे पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए किसी व्यक्ति को किसी अधिकार की जरूरत नहीं है।
इसके साथ न्यायमूर्ति भगवती ने कैदियों के पक्ष में एक फैसला देते हुए कहा था कि उनके भी मौलिक अधिकार होते हैं।
भारत में चलित न्यायालय इनका ही मानसपुत्र (Brain Child) है।
संदर्भ
संपादित करेंन्यायिक कार्यालय | ||
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पूर्वाधिकारी यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ |
भारत के मुख्य न्यायाधीश 12 जुलाई 1985 – 20 दिसंबर 1986 |
उत्तराधिकारी आर एस पाठक |
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