प्रभु जोशी
प्रभु जोशी, हिन्दी कवि, लेखक, कथाकार एवं विचारक हैं।
जन्म एवं मृत्यु
संपादित करेंजन्म: 12 दिसम्बर 1950 देवास (मध्य प्रदेश) के राँवा गाँव में। मृत्यु: 4 मई 2021 कोरोनावायरस की वजह से।
शिक्षा
संपादित करेंजीवविज्ञान में स्नातक तथा रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर के उपरांत अंग्रेज़ी साहित्य में भी प्रथम श्रेणी में एम.ए.। अंग्रेज़ी की कविता स्ट्रक्चरल ग्रामर पर विशेष अध्ययन।
कार्यक्षेत्र
संपादित करेंपहली कहानी 1973 में धर्मयुग में प्रकाशित। 'किस हाथ से', 'प्रभु जोशी की लंबी कहानियाँ' तथा उत्तम पुरुष' कथा संग्रह प्रकाशित। नई दुनिया के संपादकीय तथा फ़ीचर पृष्ठों का पाँच वर्ष तक संपादन। पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी तथा अंग्रेज़ी में कहानियों, लेखों का प्रकाशन। चित्रकारी बचपन से। जलरंग में विशेष रुचि।
लिंसिस्टोन तथा हरबर्ट में आस्ट्रेलिया के त्रिनाले में चित्र प्रदर्शित। गैलरी फॉर केलिफोर्निया (यू॰एस॰ए॰) का जलरंग हेतु थामस मोरान अवार्ड। ट्वेंटी फर्स्ट सेन्चरी गैलरी, न्यूयार्क के टॉप सेवैंटी में शामिल। भारत भवन का चित्रकला तथा म. प्र. साहित्य परिषद का कथा-कहानी के लिए अखिल भारतीय सम्मान। साहित्य के लिए म. प्र. संस्कृति विभाग द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप।
बर्लिन में संपन्न जनसंचार के अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में आफ्टर आल हाऊ लांग रेडियो कार्यक्रम को जूरी का विशेष पुरस्कार धूमिल, मुक्तिबोध, सल्वाडोर डाली, पिकासो, कुमार गंधर्व तथा उस्ताद अमीर खाँ पर केंद्रित रेडियो कार्यक्रमों को आकाशवाणी के राष्ट्रीय पुरस्कार। 'इम्पैक्ट ऑफ इलेक्ट्रानिक मीडिया ऑन ट्रायबल सोसायटी' विषय पर किए गए अध्ययन को 'आडियंस रिसर्च विंग' का राष्ट्रीय पुरस्कार।
संप्रति
संपादित करेंइंदौर दूरदर्शन में कार्यक्रम निष्पादक।
बाहरी कड़ियाँ
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