भारतीय दर्शन में प्रमाद (negligence, carelessness) मानुष्य के सभी कष्टों और समस्याओं का मूल है। अध्यात्म उपनिषद तो प्रमाद को साक्षात 'मृत्यु' कहा है। [1]

  1. प्रमादो ब्रह्मनिष्ठायां न कर्तव्यं कदाचन। प्रमादो मृत्युरित्याहुर्विद्यायां ब्रह्मवादिनः Adhyatma Upanishad 14