प्रमिला नेसार्गी
प्रमिला नेसार्गी (जन्म-२५ मार्च,१९३८), एक भारतीय वकील, शिक्षाविद्, एक प्रसिद्ध महिला कार्यकर्त्ता, और कई कंपनियों के निदेशक हैं। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में कानून की डिग्री प्राप्त करके कानून का अभ्यास करना शुरू कर दिया था। वह अंग्रेजी-कन्नड़ अनुवाद के लिए शब्दकोश समिति की सदस्य रही है। वह पिछले ५० वर्षों में बार असोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कर्नाटक बार काउंसिल में निर्वाचित होने वाली पहली महिला है। उन्होंने उच्च प्रोफ़ाइल से लेकर विवादास्पद मामलों तक एक व्यापक केस का प्रतिनिधित्व किया है जिसके लिए उन्हें अक्सर गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ा है।
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंप्रमिला नेसार्गी का जन्म २५ मार्च, साल १९३८ में हुआ था। उनका जन्म मैसोर, कर्नाटक[1] में हुआ था। उनकी माता एक स्वतंत्रता सेनानी थी व पिता एक स्वनिर्मित व्यक्ति थे। प्रमिला अपने परिवार की पहली सदस्य है जों पढने के लिए कॉलेज गयी। अपनी बीएससी की डिग्री १९५८ में उन्होंने पूरी की। १९६० में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वह एम.एल. योग्यता प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं।
वकील के रूप में
संपादित करेंप्रमिला नेसार्गी ने स्नातक कार्यक्रम (एम.एल.) के दौरान अपने प्राध्यापक के खिलाफ एक रिट दायर करते हुए अपना कैरियर शुरू किया, जो केवल एक अंडर ग्रेजुएट (एलएलबी) था और स्नातक कक्षाएं आयोजित कर रहे थे। वकील व्यवसाय कुछ दशकों पहले पुरुष पेशा था; वह इस प्रवृत्ति को बदलने को चुनौती के रूप में उठी और एक प्रसिद्ध वकील बनने में सफल रही। उन्होंने विवादास्पद मामलों में कई मंत्रियों के खिलाफ केस लडे था और कई दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में न्याय लाने के लिए जिम्मेदारी उठाई। [2]