प्रयाग कुम्भ मेला
प्रयाग कुम्भ मेला प्रयाग में प्रति १२ वर्ष बाद लगने वाला कुम्भ मेला है जिसमें लाखों हिन्दू एकत्र होकर गंगा , यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं। सन २०१९ के अर्ध कुम्भ में लगभग ५ करोड़ लोग आये जबकि सन २०१३ के महाकुम्भ में ३ करोड़ लोग कुम्भ-स्नान के लिये आये। इस प्रकार ये मेले विश्व में शांतिपूर्ण कार्य के लिये सबसे बड़े मेले (एकत्रीकरण) हैं। [1]
प्रयाग कुम्भ मेला | |
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अवस्था | जीवन्त |
शैली | मेला |
आवृत्ति | प्रति १२ वर्ष |
स्थल | गंगा के तट पर |
स्थान | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
निर्देशांक | 25°25′52″N 81°53′06″E / 25.431°N 81.885°Eनिर्देशांक: 25°25′52″N 81°53′06″E / 25.431°N 81.885°E |
देश | भारत |
पिछला | 2019 (अर्ध कुम्भ मेला) |
अगला | 2025 (पूर्ण कुम्भ / महाकुम्भ मेला) |
प्रतिभागी | अखाड़े, तीर्थयात्री और व्यापारी |
बजट | साँचा:Estimated ₹4,200 croresसाँचा:Citation required |
क्रियाएँ | धार्मिक अनुष्ठान |
संयोजन कर्ता | प्रयागराज मेला प्राधिकरण |
प्रायोजक | ईस्ट इंडिया कंपनी (१८५७ तक), ब्रिटिश राज ९१९४७ तक) , अब भारत सरकार |
जालस्थल |
kumbh |
प्रयाग कुम्भ मेला, २०१९ |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Mauni Amavasya: Five crore pilgrims take holy dip at Kumbh till 5 pm". Times of India. अभिगमन तिथि 4 February 2019.