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धर्म और आस्था/चयनित सूक्ति/3
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प्रवेशद्वार:धर्म और आस्था
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चयनित सूक्ति
“
“मैं न हूँ, ना मैं रहूँगा।
मेरे पास नहीं है, मेरे पास नहीं होगा।”
यह सभी बच्चों को डराता है
और ज्ञानी के भय को बुझाता है।
”
—
नागार्जुन
,
महायान गुरु
और
दार्शनिक
,
रत्नावली
;२६ में