किसी सूचना या जानकारी की प्राप्ति के लिये या किसी शंका के समाधान के लिये प्रयुक्त भाषायी अभिव्यक्ति को प्रश्न (question) कहते हैं। प्रश्न पूछने के लिये प्रत्येक भाषा में एक अलग प्रकार के वाक्य प्रयुक्त होते हैं जिन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। सूचना या जानकारी प्रदान करने या जिज्ञासा के समाधान के लिये जो कुछ भी कहा या लिखा जाता है उसे उस प्रश्न का उत्तर कहते हैं।

भारतीय संस्कृति में प्रश्न परम्परा

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सभ्यता के विकास में प्रश्नों का बहुत महत्व है। कुछ विचारक तो यहाँ तक कहते हैं कि भाषा का आविष्कार ही प्रश्न करने के लिये हुआ है। कुछ अन्य लोगों का विचार है कि उत्तर की अपेक्षा प्रश्न करना अधिक महत्व रखता है। भारतीय संस्कृति में प्रश्नोत्तर परम्परा का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसे सत्य की खोज के प्रमुख उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता था। प्रमुख उपनिषदों में प्रश्नोपनिषद् भी एक है। इसमें दोनों ही बात अपने अपने स्थान पर उपयुक्त हे। कि भाषा का अविष्कार प्रश्न करने के लिए हुवा हे और उत्तर की अपेक्षा प्रश्न करना आत्यधिक सरल हे। प्रश्न शंका के समाधान के लिए भी हो सकता हे। या किसी समस्या को लेकर भी हो सकता हे।

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