प्रह्लाद रामशरण मॉरिशस के हिन्दी साहित्यकार-इतिहासकार हैं। वे त्रिभाषी (हिंदी-अंग्रेज़ी-फ्रेंच) पत्रिका 'इंद्रधनुष’ के प्रधान संपादक हैं।[1]

हिन्दी में अब तक ४० पुस्तकें लिख चुके हैं। अपने शोध-पत्रों तथा ग्रंथों के द्वारा उन्होंने मॉरीशस के इतिहास को नए आयाम दिए हैं। उनकी पुस्तक 'मॉरिशस की लोककथाएँ’ का जर्मन तथा मराठी में अनुवाद हो चुका है। 'मॉरिशस के आदि काव्य कानन’, 'मॉरिशस के मध्यकालीन काव्य प्रसून’ तथा 'मॉरिशस का इतिहास’ उनकी चर्चित पुस्तकें हैं। उन्होंने फ्रांसीसी तथा अंग्रेज़ी भाषाओं में भी लगभग ३० पुस्तकें लिखी हैं। अपने पुरखों के देश भारत से उन्हें विशेष लगाव है।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "प्रह्लाद रामशरण से रणजीत पांचाले की बातचीत". मूल से 18 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मई 2018.