प्राकृतिक भाषा

ऐसी भाषा जिसका जन्म और विकास स्वत: हुआ हो

तंत्रिका मनोविज्ञान, भाषा विज्ञान और भाषा के दर्शन में, प्राकृतिक भाषा ऐसी भाषा है जो किसी योजना या अपने स्वयं के पूर्वचिन्तन के बिना मनुष्य के दिमाग के एक समूह में विकसित हुई। इसलिए, लगभग हमेशा, मनुष्य एक दूसरे से संवाद करने के लिये इनका उपयोग करते हैं।

"प्राकृतिक भाषा " शब्द है प्रयोग अक्सर मानवीय भाषाओं के लिए किया जाता है जो या तो व्यावहारिक उद्देश्य के लिए बनाई जाती है या मनोरंजन के लिए। ऐसी पर योजनाओं की जानकारी एलन लिबर्ट के काम (२०००)में मिल सकती हैं।

प्राकृतिक भाषा वह होती है जिसे मनुष्य अपने जन्म से ही बोलता है। तथा उस भाषा में व्याकरण का कोई अहम किरदार नहीं होता है।