प्राग (२०१३ फ़िल्म)
प्राग 2013 की आशीष आर शुक्ला द्वारा निर्देशित और रोहित खेतान द्वारा निर्मित हिन्दी फ़िल्म है। फ़िल्म २७ सितम्बर २०१३ को जारी की गयी। फ़िल्म चन्दन रॉय सान्याल, एलीना कजान, आर्फी लाम्बा और मयंक कुमार अभिनीत है। एक एक सॉयकोलॉजिकल थ्रिलर फ़िल्म है जिसमें एक लड़के की जिंदगी में भ्रमों को लेकर बनाया गया है।
प्राग | |
---|---|
निर्देशक | आशीष आर शुक्ला |
कहानी | सुमित सक्सेना & आशीष आर शुक्ला |
निर्माता | रोहित खेतान & सुनिल पठारे |
अभिनेता |
चन्दन रॉय सान्याल एलीना कजान आर्फी लाम्बा मयंक कुमार |
छायाकार | उदय मोहिते |
संपादक | मेघना मानचन्दा सेन |
संगीतकार | आतिफ़ अफज़ल |
वितरक | पीवीआर पिक्चर्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
लम्बाई |
96 मिनट |
देश | भारत |
भाषायें |
हिन्दी अंग्रेज़ी |
पटकथा
संपादित करेंयह फ़िल्म तीन दोस्तों चन्दन (चन्दन रॉय सान्याल), गुलशन (मयंक कुमार) और आर्फी (आर्फी लाम्बा) की कहानी है। आर्फी को उसकी महिला मित्र ने प्यार में धोखा देकर उसे मार डाला। चन्दन भी अब तक अपनी जिंदगी में प्यार में असफल रहा है जबकि गुलशन उन लड़कियों को प्रभावित कर लेता है जिन्हें चन्दन पसन्द करता है। चन्दन और गुलशन अपने काम के सिलसिले में प्राग आते हैं जहाँ उसकी मुलाकात एक कज़ाक लड़की एलीना से होती है। चन्दन को एलीना से प्यार हो जाता है और वह उससे अपने प्यार का इज़हार करता है, एलीना भी चन्दन से प्यार करने लगती है। एक दिन, चन्दन एलीना और गुलशन को एक साथ देख लेता है। इसके बाद वह निराश हो जाता है और एलीना से दूर रहना शुरु कर देता है। चन्दन अपने खास दोस्त आर्फी की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार मानता है, जिसकी एक एक्सीडेंट में मौत हो जाती है। गुलशन उसे समझाता है कि आर्फी के साथ उसकी बातचीत उसकी कोरी कल्पना है, आर्फी की मौत हो चुकी है। आर्फी चन्दन को प्यार से बचने की चेतावनी देता रहता है। फिल्म तब एक नाटकीय मोड़ लेती है जब चन्दन गुस्से में आकर गुलशन को मार देता है। प्राग में चन्दन औऱ गुलशन के अतीत से जुड़ी जो बातें उभर कर आती हैं।
कलाकार
संपादित करें- चन्दन रॉय सान्याल - चन्दन
- मयंक कुमार - गुलशन
- आर्फी लाम्बा - आर्फी
- एलीना कजान - एलीना
संगीत
संपादित करेंफ़िल्म का संगीत आतिफ अफजल और वरुण ग्रोवर ने दिया है।