प्रापण
क्रेता की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले उपयुक्त सामान एवं/या सेवाएँ न्यूनतम संभव मूल्य पर प्राप्त करने को प्रापण (प्रोक्योरमेंट) कहते हैं। प्रापण के लिये सार्वजनिक संस्थाएँ एवं निजी कंपनियाँ प्रायः एक सुविचारित प्रक्रिया निर्धारित कर देते हैं ताकि आपूर्तिकर्ताओं में उचित प्रतिस्पर्धा हो तथा धांधली या भ्रष्टाचार की सम्भावना कम से कम हो।
बाह्य प्रापण वैश्वीकरण की प्रक्रिया का विशिष्ट परिणाम है| इसमें कम्पनियाँ कियी बाहरी स्रोत से नियमित सेवाएं प्राप्त करती है| संचार के माध्यमो मे आई क्रांति , विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार ने अब इन सेवाओ को विशिष्ट आर्थिक गतिविधि का स्वरूप प्रदान किया है
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Chartered Institute of Purchasing and Supply
- Systems Engineering Fundamentals. Defense Acquisition University Press, 2001
- National Institute of Governmental Purchasing
- National Purchasing Institute
- Public procurement (European Union).
- Green public procurement, European Commission.
- Procurement Process Steps, Purchasing Insight.
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