प्रिंसेप घाट या प्रिन्सेप घाट (अंग्रेजी: Prinsep Ghat, बंगाली: প্রিন্সেপ ঘাট) ब्रिटिश राज के दौरान भारत के कोलकाता शहर में हुगली नदी के किनारे पर सन 1841 में निर्मित एक घाट है। घाट पर सन 1843 में प्रख्यात आंग्ल-भारतीय विद्वान और पुरातत्वविद जेम्स प्रिंसेप की स्मृति में डब्ल्यू फ़िट्ज़ेराल्ड द्वारा डिजाइन किये गये एक पलैडियाई ओसारे (पोर्च) का निर्माण भी किया गया था।

प्रिंसेप घाट

शाम के समय प्रिंसेप घाट
सामान्य विवरण
स्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल
राष्ट्र भारत
निर्देशांक 22°33′24.41″N 88°19′53.76″E / 22.5567806°N 88.3316000°E / 22.5567806; 88.3316000निर्देशांक: 22°33′24.41″N 88°19′53.76″E / 22.5567806°N 88.3316000°E / 22.5567806; 88.3316000

यह फोर्ट विलियम के वाटर गेट और सेंट जॉर्ज गेट के बीच स्थित है। प्रिंसेप के इस स्मारक में यूनानी और गोथिक शैली का प्रयोग किया गया है। नवंबर 2001 में राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा इस स्मारक का पुनरुद्धार किया गया और तब से इसका अनुरक्षण उचित रूप से किया जा रहा है। निर्माण के प्रारंभिक वर्षों में, सभी शाही ब्रिटिश मुहासिरे आरोहण और अवरोहण के लिए प्रिंसेप घाट घाट का इस्तेमाल किया करते थे।

प्रिंसेप घाट कोलकाता के सबसे पुराने मनोरंजन स्थलों में से एक है। सप्ताहांत में लोग शाम के समय यहाँ नदी में नौका विहार करने, नदी किनारे टहलने और यहाँ उपलब्ध भोजन का आनन्द उठाने के लिए आते हैं। यहाँ स्थित एक आइसक्रीम और फास्ट फूड स्टाल तो पिछले 40 से भी अधिक से यहाँ कार्यरत है। प्रिंसेप घाट और बाबुघाट के बीच के 2 किलोमीटर लम्बे सौन्दर्यीकृत नदीतट का उद्घाटन 24 मई 2012 को किया गया। यहाँ पर रोशनी से जगमगाते सुंदर बगीचे, रास्ते, फव्वारे और पुनर्निर्मित घाट स्थित हैं। हिन्दी फिल्म परिणीता के एक गाने को यहाँ फिल्माया गया था।

प्रिंसेप घाट के नाम पर एक रेलवे स्टेशन का नाम भी रखा गया है। यह स्टेशन कोलकाता सर्कुलर रेलवे का हिस्सा है जिसका अनुरक्षण पूर्वी रेलवे द्वारा किया जाता है। स्टेशन कोड PPGT है।

यहाँ पास ही मैन-ओ-वार नाम की एक जेट्टी भी है जो कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अंतर्गत आती है और बंदरगाह द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में निभाई गयी इसकी भूमिका की याद दिलाती है। घाट को मुख्य रूप से भारतीय नौसेना द्वारा प्रयोग किया जाता है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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