प्रियव्रत ने 14 संतान को जन्म दिया जिसमे 1 कन्या थी जिनका विवाह सुक्राचार्य जी से हुआ और 13 पुत्रो मे से 7 पृथ्वी के सात भूखंडों के राजा हुए, 3 ने सन्यास धारण किया और 3 अपने अपने मन्वंतर के स्वामी हुए यानी मनु हुए|