प्रीतम रानी सिवाच
प्रीतम रानी सिवाच का जन्म २ अक्टूबर १९७४ को गुड़गांव के पास के गांव झारसा में हुआ था। वह भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान हैं[1] और उन्होंने ९ वर्ष की उम्र में ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी हॉकी को पीटीआई मास्टर तारा चंद के मार्गदर्शन में झारसा गांव के स्कूल में विकसित किया था। मास्टर तारा चंद और प्रमुख मास्टर राघवेंद्र सिंह यादव ने हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने में उनकी मदद की थी। २००८ में, उन्हें ओलंपिक क्वालिफायर के लिए टीम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था ताकि उनके अनुभव से अतिरिक्त धन ला सकें।[2] और उनकी टीम को ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त होने के बाद, सिवाच ने एक साक्षात्कार में कहा, की "हम उतने बुरे भी नहीं थे जितने परिणाम में दिखाए गए। वह आखरी बार २००२ के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतते समय हॉकी खेलते हुए दिखी। अब वह विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ कोच हैं। और अब वह अकैडमी चला रही है जहां वह एक कोच बनने के लिए प्रशिक्षण देती है।[3]
पदक अभिलेख
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