प्रीति पाटकर एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्त्ता और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता हैं। वह एक संघठन "प्रेरणा" की सह-संस्थापक व निर्देशक हैं, जिसने मुंबई के रेड-लाइट इलाको में व्यावसायिक यौन शोषण और तस्करी से बच्चो की रक्षा की।

प्रीति पाटकर

व्यावसायिक जीवन

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प्रीति पाटकर का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और उनकी माँ एक डेकेयर कार्यक्रम[1] चलाती थी। उन्होंने टाटा इंस्टीटूट ऑफ़ सोशल साइंसेज से सामाजिक कार्य[2] में मास्टर की डिग्री हासिल की वो भी स्वर्ण पदक के साथ। उनका विवाह एक सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रवीन पाटकर[3] से हुआ।

सक्रियतावाद

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वह पिछले २८ सालो से व्यावसायिक यौन शोषण और मानव तस्करी के शिकार होने वाले महिलाओं और बच्चो के बचाव के लिए काम कर रहे हैं। १९८६ में उन्होंने "प्रेरणा" की स्थापना की। मानव तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण के खिलाफ बच्चों और महिलाओं के संरक्षण व गरिमा के संरक्षण और सम्मान के लिए कई तरह से सामाजिक हस्तक्षेपों के लिए उन्हें मान्यता मिली हैं। [4]

संभाले गए पद

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  1. १९८८-1982 अशोका फाउंडेशन (अशोका फेलो)
  2. वोल्कर फाउंडेशन, भारत (सलहाकार)
  3. आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार की केन्द्रीय सलाहकार समिति के लिए आमंत्रित सदस्य

पुरस्कार

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  1. यंग अचीवर अवार्ड (२०००)
  2. लेट कल्पना चावला अवार्ड (२००३)
  3. ह्यूमन राइट्स अवार्ड (२०१४)
  1. "Priti Patkar Profile".
  2. "Unsung heroes"
  3. "Priti & Pravin Patkar"
  4. "Woman of Might".