प्रेम रावत
प्रेम रावत (जन्म;१० दिसम्बर १९५७,हरिद्वार,उत्तर प्रदेश) एक विश्वविख्यात अध्यात्मिक गुरु है। जन्म १० दिसम्बर १९५७ में भारत के अध्यात्मिक नगर हरिद्वार में हुआ था।[1] प्रख्यात अधय्त्मिक गुरु हंस जी महाराज इनके पिता थे। ये एक विशेष रूप से ध्यान लगाने वाला अभ्यास, ज्ञान देते हैं। ये वैयक्तिक संसाधन की खोज जैसे अंदरूनी शक्ति,चुनाव , अभिमूल्यन आदि पर आधारित शांति की शिक्षा देते हैं।
रावत, हंस जी महाराज, जो की एक प्रसिद्ध भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे, के सबसे युवा पुत्र हैं। ये दिव्य सन्देश परिषद् के संस्थापक हैं जिसे की बाद में डीवाइन लाइट मिशन या डी.अल.ऍम.के नाम से जाना गया। इनके पिता के स्वर्गवास के बाद ८ वर्ष की उम्र के रावत सतगुरु (सच्चा गुरु) बन गए। १३ वर्ष की उम्र में रावत ने पश्चिम की यात्रा की और उसके बाद यूनाइटेड स्टेट्स में ही घर ले लिया। कई नवयुवको ने इस दावे पर रूचि दिखाई की रावत ईश्वर का ज्ञान सीधे ही खुद के अनुयाइयों को दे सकतें हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Geaves, Ron (6 मई 2004). "Elan Vital". प्रकाशित Christopher Hugh Partridge (संपा॰). New Religions: A Guide: New Religious Movements, Sects and Alternative Spiritualities. Oxford University Press. पपृ॰ 201–202. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-522042-1. मूल से 12 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2013.