प्रौद्योगिकीय विलक्षणता

समय का काल्पनिक बिंदु जिस पर तकनीकी विकास बेकाबू और अपरिवर्तनीय हो जाता है

प्रौद्योगिकीय विलक्षणता (technological singularity) तकनीकी विकास का एक काल्पनिक बिन्दु (अवस्था) है जहां से तकनीकी विकास अनियंत्रित और अपरिवर्तनीय हो जाता है और और अकाल्पनिक गति से बढ़ने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप मानव सभ्यता में अप्रत्याशित परिवर्तन होते हैं। बौद्धिक क्षमता में विस्फोट अथवा ख़ुफ़िया विस्फोट कहे जाने वाले विलक्षणता परिकल्पना के सबसे लोकप्रिय संस्करण के अनुसार, एक उन्नत बुद्धिमान कृत्रिम मस्तिष्क विकास के इस बिंदु पर पहुंच जाएगा कि उसकी बौद्धिक क्षमता मानव से भी अधिक हो जाएगी, तब वह अपने से भी अधिक विकसित एवं बुद्धिमान कृत्रिम मस्तिष्क का निर्माण और भी कम समय में कर सकेगा। प्रत्येक नई और अधिक बुद्धिमान पीढ़ी अधिक से अधिक तेजी से दिखाई देती है, जिससे एक (बौद्धिक)"विस्फोट" होता है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह हमारा आखिरी मानव आविष्कार हो सकता है और हो सकता है कि उसके बाद हमें और किसी चीज का आविष्कार करने की जरूरत ना पड़े। इसका इस्तेमाल मानव मस्तिष्क को इस कृत्रिम मस्तिष्क मैं डाउनलोड करके मनुष्य को अमर बनाने के लिए भी किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की माने तो इसके होने की बहुत कुछ संभावना २०४० से २०५० तक है।