प्वासों अनुपात की विमा व सूत्र

किसी वस्तु पर अक्षीय दिशा में बल लगाने से अक्षीय दिशा में लम्बाई में परिवर्तन तो होता ही है, बल के लम्बवत दिशा (पार्श्व दिशा) में भी परिवर्तन होता है।

यदि किसी ठोस छड़ को खींचा जाए, तो हम देखते हैं कि वह बीच में से पतली पड़कर टूट जाती है और यदि प्रत्यास्थता की सीमा के भीतर बल लगाकर खींचा जाए तो उसकी लंबाई बढ़ने के साथ ही सब जगहों से उसकी पार्श्विक नाप छोटी हो जाती है। इसी प्रकार यदि किसी छड़ को दबाया जाए, तो उसकी पार्श्विक नाप बढ़ जाती है। अत: खिंचाव अथवा दबाव के कारण किसी प्रत्यक्ष ठोस की पार्श्विक नापों (lateral dimensions) में जो परिवर्तन होता है, वह प्वासॉन् के अनुपात के अनुसार होता है। इसे M अक्षर (या म्यू अक्षर) से व्यक्त करते हैं।

 
प्रत्यक्ष विकृति (लंबाई में) = M * पार्श्विक विकृति

कुछ पदार्थों के प्वासों के अनुपात

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पदार्थ प्वासों अनुपात
रबर ~ 0.50
स्वर्ण 0.42 - 0.44
संतृप्त मृदा 0.40–0.50
मैग्नीशियम 0.35
टाइटैनियम 0.34
ताम्र 0.33
अल्युमिनियम-मिश्रातु 0.33
मिट्टी 0.30–0.45
स्टेनलेस स्टील 0.30–0.31
इस्पात 0.27–0.30
cast iron 0.21–0.26
sand 0.20–0.45
कंक्रीट 0.20
काच 0.18–0.3
फोम 0.10–0.40
cork ~ 0.00
Material Plane of symmetry            
Nomex honeycomb core  ,  =ribbon direction 0.49 0.69 0.01 2.75 3.88 0.01
glass fiber-epoxy resin   0.29 0.29 0.32 0.06 0.06 0.32
परिवर्तन के सूत्र
होमोजिनस आइसोट्रॉपिक रैखिक प्रत्यास्थ पदार्थ के कोई भी दो मापांक दिये हों तो अन्य गुण निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं।