अलवर रेलवे स्टेशन के पास बनी यह पांच मंजिल की यह गुम्बद अनायास ही आते जाते यात्रियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। चौकोर आधार पर बनी इस गुम्बद की हर मंजिल में चारों तरफ दरवाजे और छोटे—छोटे गवाक्ष बने हुए हैं। पहली मंजिल के दरवाजों और छतों पर सुन्दर अक्षरों में अरबी—फारसी में आयतें उकेरी हुई हैं जबकि तीसरी मंजिल में सुन्दर बेल बूटे  उकेरे गए हैं। गुम्बद के ऊपर कमल की पंखुरियों के बीच चार खम्बों केी एक छोटी छतरी बनी हुई है। गुम्बद की पहली मंजिल के एक कोने में नागरी लिपी में एक लेख है जिससे प्रकट होता है कि सन् 1547 में फतहजंग खानजादा की मृत्यु हुई और उनकी स्मृति में यह गुम्बद बनाया गया।