फरह नकवी
फरह नकवी एक भारतीय लेखिका, सलाहकार और कार्यकर्ता हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय से वह स्नातकोत्तर हैं। वह न्याय और विकास दोनों के दृष्टिकोण से लिंग और अल्पसंख्यक अधिकारों पर काम करती हैं। वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य रह चुकी हैं। [2] वह लिंग और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन निरंतर की संस्थापक सदस्य हैं; खबर लहरिया समाचार पत्र की स्थापना का श्रेय उनहें दिया जाता है। [3] वह ऑक्सफैम इंडिया में बोर्ड की सदस्य रही हैं। फरह ने ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म के क्षेत्र में भी काम किया है। [4] उन्होंने फिल्म द कलर ऑफ माई होम (2018) का सह-निर्देशन भी किया है। [5]
Farah Naqvi | |
---|---|
जन्म | Delhi[1] |
राष्ट्रीयता | भारतn |
शिक्षा की जगह | Columbia University |
पेशा | Writer and activist |
काम
संपादित करेंवेव्स इन द हिनटरलैंड: द जर्नी ऑफ ए न्यूजपेपर (2007) जुबान बुक्स द्वारा प्रकाशित |
संदर्भ
संपादित करें- ↑ Naqvi, Farah (May 27, 2021). "What We Did When Our Government Collapsed: My Father Saeed Naqvi's COVID Story". The Wire.
- ↑ Jain, Bharti (31 May 2010). "New hands aboard, National Advisory Council ready for biz". द इकॉनोमिक टाइम्स. अभिगमन तिथि 25 February 2019.
- ↑ Chandran, Rina (2017-01-24). "Report like a Dalit girl: one Indian publication shows how". Reuters (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-03-06.
- ↑ "Oxfam | Board Members". www.oxfamindia.org. मूल से 27 जुलाई 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-03-06.
- ↑ "International documentaries themed on 'freedom' to be screened in Chennai | Chennai News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). 2019-07-29. अभिगमन तिथि 2021-03-06.