फ़ारसी बिल्ली एक ऐसी प्रजाति की बिल्ली है जिसका चेहरा गोल और मुँह छोटा होता है तथा उसके काफ़ी लंबे बाल होते हैं। यह अनुमान लगाया जाता है कि फ़ारसी बिल्लियों को इटली में खोरासन से 1620 के आसपास लाया गया होगा। 19वीं शताब्दी के बाद इन बिल्लयों की बड़ी बालों वाली नस्ल के अफ़गानिस्तान और ईरान से लाए जाने के प्रमाण मिलते हैं।[1][2] ये बिल्लियाँ बहुत लोकप्रिय हुईं। इनकी नस्ल को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहले ब्रितानियों तथा बाद में अमरीकियों ने अपनाया। कुछ लोग इस हिमालयी नस्ल को, जिसके बाल छोटे हैं इसी प्रजाति की बिल्ली मानते हैं तथा कुछ अलग प्रजाति की बिल्ली मानते हैं।

फ़ारसी बिल्ली

प्रजाति का विकास

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इस बिल्ली के चयनित प्रजनन द्वारा कई नस्लों के विकास से एक तरफ तो अनेक रंगों वाली बिल्ली का विकास हुआ और दूसरी तरफ सपाट चेहरे वाली ईरानी बिल्ली का विकास हुआ। शौकीन लोगों द्वारा पसंद किए जा रहे सपाट चेहरे वाली बिल्ली के साथ कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ शुरु हुईं। बहुत सारे लोगों द्वारा बिल्ली की पुरानी नस्ल को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई जैसे कि-स्याम नस्ल की बिल्ली को। आम लोगों के बीच बिल्ली की परंपरागत प्रजाति मज़ल बहुत लोकप्रिय थी। इस बिल्ली में वंशानुगत किडनी की बीमारी थी जिसने कई देशों में इसकी आधी आबादी को प्रभावित किया।

इन्हें भी देखें

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  1. डिगर्ड, जीन-पियरे. "कैट II. पर्शियन कैट". एनसाइक्लोपीडिया ईरानिका. अभिगमन तिथि 11 मार्च 2023.
  2. फ्लोर, विल्लेम (2023). "अ नोट ऑन पर्शियन कैट्स". ईरानियन स्टडीज़. कार्फैक्स पब्लिशिन्ह. 36: 27–42. अभिगमन तिथि 11 मार्च 2023.

बाहरी कड़ियाँ

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