फ़ेबियन समाजवाद ब्रिटेन की एक सुधारवादी विचारधारा है जिसका जन्म वैज्ञानिक समाजवाद के प्रतिलोम के रूप में हुआ था। रोमन सेनापति फ़ेबियस कुंक्टेटर के नाम पर इस विचारधारा का नामकरण किया गया। फ़ेबियन समाज ब्रिटेन में १८८४ में सगठित की गयी थी और १९00 में वह साहित्यिक-पत्रकार दल के रूप में लेलेबर पार्टी से संलग्न हो गयी। फ़ेबियन समाज के प्रवक्ता- बी. तथा एस. वेब्ब दंपत्ति, एम. फ़िलिप्स, एच. जी. वेल्स तथा जॉर्ज बर्नार्ड शॉ आदि थे। फ़ेबियन समाजवाद आधिकारिक रूप में दर्शन के साथ अपना कोई सम्बन्ध नहीं मानता है, परन्तु उसके अनेक प्रवक्ता धर्म का समर्थन करते हैं। ये इतिहास के बारे में अपने विचारों में समाज में प्रत्ययों की निर्णायक भूमिका के मत के पक्षधर हैं और वर्ग संघर्ष से इनकार करते हैं। लेनिन के अनुसार, "फ़ेबियन समाजवाद, अवसरवाद तथा उदारतावादी मज़दूर नीति की सर्वाधिक पूर्ण अभिव्यक्ति है।" फ़ेवियन समाजवाद, लोकतांत्रिक प्रक्रियातथा क्रमिक/निरन्तर सुधार एवं [वृहत उद्योगों] का [पक्षधर] है। [1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-४१८, ISBN: ५-0१000९0७-२

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