फ्रीज फ्रेम शॉट अथवा फ़्रीज फ़्रेम शॉट (अंग्रेज़ी: Freeze-frame shot) फ़िल्मों में इस्तेमाल होने वाली एक तकनीक है जिसमें एक ही फ़्रेम को बार-बार दिखाया जाता है जिससे दर्शकों को ऐसा प्रतीत होता है मानों वे स्टिल फोटो देखे रहे हैं। प्रसिद्द फ़िल्म तारे ज़मीन पर एक ऐसे ही दृश्य के साथ समाप्त होती है। पहली बार इस तकनीक का प्रयोग अल्फ़्रेड हिचकॉक द्वारा निर्देशित, वर्ष १९२८ की अंग्रेजी फ़िल्म, "शैंपेन" में हुआ था।[1]

  1. "Film Series / Events:Champagne". hcl.harvard.edu/ (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 7 मई 2016. Retrieved 19 मई 2016.

बाहरी कड़ियाँ

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पुस्तक स्रोत