फ्रैंकेंस्टीन (आकाशगंगा)
वैज्ञानिकों ने रहस्यमय ‘फ्रैंकेंस्टीन’ आकाशगंगा खोजी।
परिचय
संपादित करेंवैज्ञानिकों ने जुलाई 2016 में एक दुर्लभ फ्रैंकेंस्टीन आकाशगंगा खोजी है जो धरती से करीब 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है और संभवत: अन्य आकाशगंगाओं के हिस्सों से बनी है। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुए आकाशगंगा यूजीसी 1382 के बारे में नए खुलासे किए गए हैं।
विस्तार
संपादित करेंपहले वैज्ञानिकों का मानना था कि यह एक पुरानी, छोटी और दूसरी आकाशगंगाओं की तरह एक आकाशगंगा है।
बाद में इसका अध्ययन नासा के टेलिस्कोपों और अन्य वेधशालाओं के आंकड़ों का उपयोग कर किया गया और पता चला कि यह आकाशगंगा अनुमान से दस गुना अधिक बड़ी है और दूसरी आकाशगंगाओं की तरह नहीं है। इसका अंदरूनी हिस्सा बाहरी हिस्से की तुलना में नया है और कुछ इस तरह का है मानो वह बचे हुए हिस्सों से बना है।
बचने का कारण
संपादित करेंयह दुर्लभ ‘फ्रैंकेंस्टीन’ आकाशगंगा इसलिए बची है क्योंकि यह ब्रह्मांड के भीड़ वाले हिस्से से अलग स्थित है।
अन्य आकाशीय ग्रहों का मामूली सा टहोका भी इसे विघटित कर देगा।
मिल्की वे से भिन्नता
संपादित करेंकरीब 718,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित यूजीसी 1382 मिल्की वे से सात गुना अधिक चौड़ी है। ज्यादातर आकाशगंगाओं में अंदरूनी हिस्सा सबसे पहले बनता है जहां पुराने तारे होते हैं। जैसे जैसे आकाशगंगा विकसित होते जाती है इसका बाहरी हिस्सा विकसित होता जाता है। बाहरी हिस्से में नए तारे होते हैं। लेकिन यूजीसी 1382 के साथ ऐसा नहीं है। इसका बाहरी हिस्सा पुराना और अंदरूनी हिस्सा नया है।