बंगबंधु का ७ मार्च का भाषण
७ मार्च १९७१ को शेख मुजीबुर्रहमान ने ढाका के रेसकोर्स मैदान में लगभग २० लाख लोगों की महान जनसभा के समक्ष एक भाषण दिया था। यह वह समय था जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान और शक्तिशाली पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। अपने भाषण में मुजीबुर्रहमान ने कहा था, "इस बार हमारा संघर्ष आजादी के लिए है। इस बार हमारा संघर्ष स्वतंत्रता के लिए है।" उन्होने बंगाल प्रान्त में नागरिक अवज्ञा आन्दोलन की घोषणा की और आह्वान किया कि हर घर को एक किला बना दीजिए। इस भाषण ने बंगालियों को 'मुक्ति' के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से सशस्त्र कार्वाई की खबरें छायी हुईं थी। इस भाषण के १८ दिन पश्चात पाकिस्तानी सेना ने आम बंगालियों, बुद्धिजीवियों, छात्रों, राजनेताओं और सशस्त्र बलों के विरुद्ध ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू कर दिया और इस प्रकार मुक्ति संग्राम शुरू हो गया। 30 अक्टुबर 2017 को यूनेस्को ने इस भाषण को एक 'विरासत भाषण' घोषित किया। [1][2]
तिथि | साँचा:Start date1971 |
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समय | 2:45 pm — 3:03 pm |
स्थान | Ramna, Dhaka |
निर्देशांक | 23°43′59″N 90°23′54″E / 23.733066°N 90.398437°Eनिर्देशांक: 23°43′59″N 90°23′54″E / 23.733066°N 90.398437°E |
Recognition | Memory of the World International Register |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Unesco recognises Bangabandhu's 7th March speech". The Daily Star (अंग्रेज़ी में). 31 October 2017. मूल से 29 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-10-31.
- ↑ "International Advisory Committee recommends 78 new nominations on the UNESCO Memory of the World International Register". en.unesco.org. मूल से 31 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 October 2017.