बंगलुरु दुर्ग
कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में स्थित भारत का एक सुंदर किला
बंगलुरु दुर्ग का निर्माण १५३७ में मिट्टी के दुर्ग के रूप में आरम्भ हुआ।[1] और इसके निर्माता केम्पेगोडा प्रथम थे जो बंगलुरु के संस्थापक और विजयनगर साम्राज्य के एक सामन्त थे। हैदर अली ने १७६१ में मिट्टी की दीवार के स्थान पर पत्थर की दीवार बनवायी जिसे १८वीं शताब्दी के अन्तिम काल में उसके बेटे टीपू सुल्तान ने और सुधार कराए। १७९१ के आंग्ल-मैसूर युद्ध में यह क्षतिग्रस्त हो गया। आज भी यह १८वीं शताब्दी के किलेबन्दी का अच्छा उदाहरण है।
बंगलुरु दुर्ग | |
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बंगलुरु जिला का भाग | |
कर्नाटक, भारत | |
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निर्देशांक | 12°57′46″N 77°34′33″E / 12.962875°N 77.575956°E |
प्रकार | Fort |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | Archaeological Survey of India |
जनप्रवेश | Yes |
दशा | Fair |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | 1537 |
निर्माता | Kempegowda I |
सामग्री | Initially built in 1537 in mud but later renovated in 1751 with granite stones |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Packe, Cathy (4 November 2006). "48 HOURS IN BANGALORE; New flights make it easier to explore the elaborate architecture and spice markets of this buzzing Indian city". The Independent (सब्सक्रिप्शन आवश्यक). मूल से 25 January 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 September 2012.