बंगारू लक्ष्मण
बंगारू लक्ष्मण (17 मार्च 1939 – 1 मार्च 2014) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वो वर्ष २००० से २००१ तक भाजपा अध्यक्ष एवं १९९९ से २००० तक भारत सरकार में रेल राज्य मंत्री रहे। उन्हें फर्जी रक्षा सौदों में लिप्त पाये जाने के बाद चार वर्ष कारावास की सजा मिली।[1][2]
बंगारू लक्ष्मण | |
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जन्म |
17 मार्च 1939 आन्ध्र प्रदेश, भारत |
मौत |
1 मार्च 2014 | (उम्र 74 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
पेशा | भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष |
कार्यकाल | 2000 से अब तक |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
जीवनसाथी | सुशीला |
बच्चे | 3 पुत्रियाँ और एक पुत्र |
माता-पिता | स्वर्गीय नर्सिम्हा |
मृत्यु
संपादित करेंबंगारू लक्ष्मण का १ मार्च २०१४ को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने अंतिम साँस सिकंदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल में ली।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "पूर्व बीजेपी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण रिश्वत कांड में दोषी करार". नवभारत टाइम्स. २७ अप्रैल २०१२. मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २९ नवम्बर २०१३.
- ↑ "रिश्वत मामले में बंगारू लक्ष्मण दोषी करार". बीबीसी हिन्दी. २७ अप्रैल २०१२. मूल से 9 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २९ नवम्बर २०१३.
- ↑ "भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का निधन". बीबीसी हिन्दी. 1 मार्च 2014. मूल से 5 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2014.