भौतिकी और रसायन विज्ञान में बन्धन ऊर्जा (binding energy) वह न्यूनतम ऊर्जा है जो किसी कण-तंत्र से किसी कण को बाहर निकालने के लिए आवश्यक होती है। किसी कण-तंत्र के सभी कणों को एक-दूसरे से पूर्णतः अलग करने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा को भी बन्धन ऊर्जा कहते हैं। पहली परिभाषा प्रायः संघनित द्रव्य भौतिकी, परमाणु भौतिकी एवं रसायन विज्ञान में प्रयुक्त होती है। जबकि दूसरी परिभाषा अन्यत्र प्रयुक्त होती है। नाभिकीय भौतिकी में "पृथकन ऊर्जा" (separation energy) का प्रयोग किया जाता है।

आपेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार जब कोई कण-तंत्र बनता है तो उसके कणों की सकल ऊर्जा में ΔE की कमी हो जाती है जबकि उनके सकल द्रव्यमान में ΔM की कमी हो जाती है। ΔE तथा ΔM आपस में समीकरण ΔM⋅c2=ΔE द्वारा सम्बन्धित हैं।

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