शाहगढ़ रियासत पन्ना नरेश छत्रसाल ने अपने बड़े पुत्र हृदय साल को  1732 में सौंपी रितेश शाह के बड़े पुत्र सौभा सिंह 1739 में पन्ना रखे राजा बने Shobha Singh ne 1744 में यह रियासत मराठा सूबेदार पृथ्वीराज को सौंप दी जिससे ₹300000 की आय होती थी पृथ्वीराज के बाद उनके पुत्र हरी सिंह यहां के राजा बने निसंतान होने के कारण हरि सिंह ने अपने भतीजे मर्दन सिंह को  गोद लिया मदन सिंह ने 1784 से 1810 तक रियासत पर शासन कियाl इनके पुत्र अर्जुन सिंह थे जिन्होंने 1842 तक शासन किया|  अर्जुन सिंह के भतीजे    बख्त बली थे !  यह अर्जुन सिंह के भाई तखत सिंह के पुत्र थे इन्होंने बुंदेला विद्रोह में {1842} अंग्रेजों का साथ दिया था जब की अट्ठारह सौ सत्तावन की की क्रांति में अंग्रेजों के विरुद्ध लोहा लिया इनके सेनापति बोधन दौवा थे इन्होंने अंग्रेजों को सागर राहतगढ़ तथा चरखारी में घुटने टिका दिए अंग्रेजों को किले मे 6  माह कैद करके रखा दोनों ही बड़े बहादुर थे अंग्रेजों ने उन्हें 1858 में समर्पण करने पर मजबूर जरूर किया किंतु जन दबाव के कारण उन्हें सजा नहीं दे पाए राजा bhakhat वली की मृत्यु 1869 में हुई।