बनाना रिपब्लिक
केला गणतंत्र, जिसे अंग्रज़ी में मूल रूप से बनाना रिपब्लिक (banana republic) कहा जाता है, राजनैतिक रूप से अस्थिर देश होता है जिसकी अर्थव्यवस्था किसी ऐसे विशेष कृषि, खनिज या अन्य उत्पादन के निर्यात पर निर्भर हो जिसकी विश्व में भारी माँग है।[1]

ऐसे देशों में अक्सर एक छोटा सम्भ्रांत वर्ग राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था पर नियंत्रण कर लेता है। वह फिर अपना कब्ज़ा बनाए रखने के लिए विदेश से हथियार खरीदता है और स्वयं को वफादार एक सेना खड़ी कर लेता है। देश की बाकी जनता को राजनीतिक अधिकारों से वंछित रखा जाता है। अक्सर यह सम्भ्रांत वर्ग विदेशी कम्पनियों से साठ-गाठ कर लेता है, जो देश के विशेष उत्पादन को कम कीमत देकर बाहरी विश्व में आपूर्ति करने पर नियंत्रण करना चाहते हैं, और सम्भ्रांत वर्ग को व्यक्तिगत पैसा देकर धनवान बना देते हैं। इस से देश से किसी मूल्यवान उत्पादन का भारी मात्रा में निर्यात होते हुए भी देश की जनता निर्धन ही रहती है। कई ऐसे देशों में यदि देश के सम्भ्रांत वर्ग से चुना गया शासक अपने देश की भलाई करने की चेष्टा में आर्थिक या राजनीतिक सुधार करने का प्रयास करता है तो यह विदेशी कम्पनियाँ अपना लाभ-स्रोत बचाने के लिए तख्ता-पलटकर शासक के शत्रुओं को सत्ता में लाने की कोशिश करती हैं।[2]
नामोत्पत्ति
संपादित करेंबीसवी शताब्दि के आरम्भिक भाग में कई अमेरिकी कम्पनियों ने मध्य अमेरिका में हौण्डुरस और उसके पड़ोसी देशों में केला उगाने के बड़े बागान चलाए, क्योंकि वहाँ की जलवायु और भूमि इसके अनुकूल थी और उस फल की संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य विकसित देशों में भारी माँग थी। यूनाइटिड फ्रूट कम्पनी ऐसी एक प्रमुख कम्पनी थी। इन कम्पनियों ने फिर इन देशों में भारी हस्तक्षेप करा और समय-समय पर उनमें सत्ता बदलवाई। ऐसे देशों में सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन और राजनीतिक उत्पीड़न सामान्य स्थिति बन गया। ऐसे देशों को सन् 1901 में अमेरिकी लेखक, ओ हेन्री, ने व्यंग्य कसते हुए इन्हें "बनाना रिपब्लिक" का ह्रासकारी नाम दिया, जिस से तात्पर्य था कि जिस देश पर फल बेचने वाले व्यापारियों ने कब्ज़ा करा हुआ हो उसका क्या अस्तित्व है।[3][4]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Darío A. Euraque (1996). Reinterpreting the Banana Republic. Region and State in Honduras, 1870–1972. Chapel Hill, North Carolina: University of North Carolina Press. p. 44. ISBN 978-0-8078-4604-9. Archived from the original on 2016-08-10. Retrieved 2016-05-14.
- ↑ O. Henry (1904). Cabbages and Kings. New York City: Doubleday, Page & Company. pp. 132, 296.
- ↑ Richard Alan White (1984). The Morass. United States Intervention in Central America. New York: Harper & Row. ISBN 978-0-06091145-4. Retrieved 2016-05-14.
- ↑ Malcolm D. MacLean (Summer 1968). "O. Henry in Honduras". American Literary Realism, 1870–1910. 1 (3): 36–46. JSTOR 27747601.