बनी-ठनी
बनी ठनी शब्द का राजस्थानी में अर्थ होता है सजी धजी l मारवाड़ी शैली में निम्नलिखित जिले आते हैं जैस
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right|thumb|200px बनी-ठनी या (बणी-ठणी) एक भारतीय चित्रकला है जो किशनगढ़ चित्रकला से सम्बन्धित है इनकी रचना निहाल चन्द ने की थी। इसको भारत (राजस्थान) की मोनालिसा भी कहा जाता है। बनी-ठणी तो राजस्थानी शब्द है , इसका हिन्दी में मतलब सजी-धजी होता है।यह स्वयं रसीक बिहारी के नाम से कविता करती थी। [1] इन्हें आगे लवलीज,उत्सव,प्रिया व नागर रमणी भी नाम मिले। बनीठनी किशनगढ़ के महाराज सामंतसिंह की उपपत्नी थीं। सामंतसिंह अपना राजपाट छोड़ कर ब्रज के वृन्दावन आगये और नागरीदास के नाम से जाने गये तब भी बनीठनी उनके साथ ही थीं। सामंतसिंह की सोतली माँ की एक दासी को अपने दरबार में नाचने के लिए लाई थी और वो दासी सामंतसिंह को इतनी अच्छी लगीं आगे चलके सामंतसिंह न उसे शादी कर ली???
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2015.