बन्दर का काटना
आमतौर पर लोगों को केवल इस बात की जानकारी होती है कि कुत्ता काटे तो क्या करना है। उन्हें यह पता है कि रेबीज का इन्जेक्शन लगाना जरूरी है, लेकिन रेबीज केवल कुत्तों के ही काटने से नहीं बंदर, बिल्ली के काटने से भी रेबीज हो सकता है। इसके अलावा पालतू पशु जैसे गाय, बैल, घोड़ा, बकरी आदि भी रेबीज का कारण बन सकते हैं। इन जानवरों के काटने या नाखून लगाने के साथ ही इनकी लार या इनके नाखूनों में मौजूद विषाणुओं के जरिए रेबीज बीमारी के वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कुत्तों के बाद बंदरों के काटने के मामले भारत में दूसरे नंबर पर आते हैं। बंदरों के काटने पर केवल चोट ही नहीं लगती बल्कि जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं, जिनमें घाव में संक्रमण, रेबीज के अलावा हर्पीज भी शामिल है।[1]
भारत में बढ़्ती संख्या
संपादित करेंजैसाकि ऊपर स्पष्ट लिया जा चुका है कि विश्वभर में कुत्तों के बाद बंदरों के काटने के मामले भारत में दूसरे नंबर पर आते हैं। यह संख्या विशेष रूप से गाँव और जंगल से सटे स्थानों में ज़्यादा है। हरियाणा राज्य के एक अकेले ज़िले झज्जर की बात करें तो यहाँ के सिविल अस्पताल में जून 2022 माह में बंदर व कुत्ते काटने के दोनों को मिला कर करीब 200 मरीज़ आए थे। जिन्हें इलाज् हेतू रेबीज़ का इंजेक्शन लगाया जा चुका है। [2]
इलाज
संपादित करेंबंदर के काटने से होने वाले घाव का इलाज भी कुत्ते के काटने से बने घाव की तरह ही किया जाता है। साबुन और पानी से इस घाव को कुछ सैकंड नहीं, 5-10 मिनट तक धोएं। इस पर डिटॉल, बीटाडीन जैसे एंटीसेप्टिक लगाए। सिर्फ कुत्ते के काटने से ही रेबीज होता है। बंदर के काटने से नहीं। यह गलत धारणा है। इसके काटने से भी रेबीज हो सकता है। इसलिए घाव धोने के तुरंत बाद डॉक्टर से संपर्क करें। चौबीस घंटे में रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं। घाव की गंभीरता के आधार पर इस इंजेक्शन की कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा पांच डोज देते हैं।[3]
दुनियाभर की समस्या
संपादित करेंपूरे दक्षिण अमेरिका (America) और एशिया (Asia) की तो यहां बंदरों द्वारा लोगों को काटा जाना आम बात है।बंदर ब्राजील (Brazil),भारत और इंडोनेशिया (Indonesia) सहित घनी आबादी वाले क्षेत्रों की एक मुख्य समस्या हैं। यहां बंदरों द्वारा लोगों को काटे जाने की संभावना इतनी अधिक है, कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।अपने आकार के कारण बंदर मजबूत होते हैं,इसलिए ये किसी पर भी हमला कर सकते हैं।जब वे किसी पर हमला करते हैं, तो सबसे पहले वे अपने तेज दांतों वाले शक्तिशाली जबड़े से उस व्यक्ति को काटते हैं।एक बंदर के काटने से ऊतक नष्ट हो सकता है, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण खतरा यह है, कि इसके काटने से अनेकों बैक्टीरिया और विषाणु आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो कि उसके मुंह में मौजूद होते हैं।अधिकांश स्तनधारियों की तरह,बंदर रेबीज (Rabies) का वाहक हो सकता है और उसे प्रसारित कर सकता है। यदि बंदर के काटने के बाद इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह मनुष्य के लिए 100% घातक हो सकता है। [4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ https://www.livehindustan.com/health/story-know-what-is-the-treatment-and-preventive-measures-of-monkey-bite-2945010.html
- ↑ https://www.jagran.com/haryana/jhajjar-patients-are-increasing-day-by-day-due-to-monkey-bites-even-climbing-on-the-roof-is-not-easy-22861986.html
- ↑ https://www.bhaskar.com/rajasthan/jaipur/news/rajasthan-news-apply-monkey-buck-in-24-hours-rabies-injection-083005-4934931.html
- ↑ https://prarang.in/lucknow/posts/6476/monke-bite